अगर आप भी खाली पेट फल खाते हैं, तो संभल जाएं, क्योंकि ये आपकी सेहत खराब कर सकते हैं। फल सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन गलत तरीके और गलत समय पर फल खाना बीमारियों को दावत देना है।
विशेषज्ञ के अनुसार , कौन से फल खाली पेट खाने से नुकसान हो सकता है।
सुबह खाली पेट कभी न खाएं ये फल

विशेषज्ञ के अनुसार कुछ फलों को खाली पेट खाना फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। इन्हें खाली पेट खाने से परहेज करें। संतरा और मोसंबी जैसे फलों में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है। इनमें सिट्रिक एसिड भी पाया जाता है। इन्हें खाली पेट खाते हैं तो एसिडिटी हो सकती है।

किन फलों को सुबह बिना कुछ खाए नहीं खाना चाहिए
- आम – आम में काफी मात्रा में शुगर की मात्रा पाई जाती है, गलती से भी खाली पेट आम न खाएं, ये डाइजेशन को बिगाड़ देता है। डायबिटीज के मरीजों को तो इसे खाली पेट भूलकर भी नहीं खाना चाहिए।
- नाशपाती – खाली पेट नाशपाती खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर होता है। इससे पेट के पास मौजूद झिल्लियों को नुकसान हो सकता है।
- केला – केले में मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा होती है। खाली पेट केला खाने से ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है। ये हार्ट को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए खाली पेट में केला खाने से परहेज करें।
- अंगूर – अंगूर में एसिड होने के कारण खाली पेट खाने से गैस्ट्रिक अल्सर का खतरा बढ़ता है। पेट में जलन की समस्या भी हो सकती है।
- लीची – खाली पेट लीची खाना भी नुकसान पहुंचा सकता है। लीची में हाई पोलिसीन-A नाम के एलिमेंट्स होते हैं। खाली पेट लीची खाने से तेज बुखार और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- संतरा और मोसंबी – इनमें विटामिन सी और सिट्रिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है। खाली पेट ये फल खाते हैं तो पेट में जलन हो सकती है।
फलों को काटकर खाने से भी न्यूट्रिशन खत्म हो जाते हैं
विशेषज्ञ के अनुसार,फलों को काटकर खाने से भी न्यूट्रिशन खत्म हो जाते हैं फलों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इन्हें देर तक काटकर रखने या प्रकाश के संपर्क में आने पर फलों के न्यूट्रिशन खत्म हो जाते हैं।
देर से रखे फलों के रस भी खराब हो जाते हैं हैं। फलों के रस को भी कंटेनर में स्टोर कर सकते हैं। सनलाइट, गर्मी और पानी तीन ऐसे कारण हैं जो फलों में न्यूट्रिशन की कमी का कारण बनते हैं।
फलों को लंबे समय तक हवा में रखने पर भी विटामिन सी की कमी हो सकती है। इसके अलावा सेब और केला जैसे फल पर एंजाइम से रिएक्शन करके सतह पर भूरे रंग की परत आ सकती है।

फलों में साल्मोनेला संक्रमण का खतरा रहता है
इसके अलावा कटे हुए फलों को लंबे समय तक रखने या स्टोर करने के बाद खाने से साल्मोनेला संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। साल्मोनेला बैक्टीरिया आंतों में होता है। साल्मोनेला इन्फेक्शन में 8 से 72 घंटों के अंदर दस्त, बुखार और पेट में ऐंठन जैसी तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा डायरिया और फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।
फलों को कैसे स्टोर करें
जरूरी हो, तो ही कटे हुए फलों को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें, ठंडी जगह पर रखें , कम रोशनी में स्टोर करने की कोशिश करें। फलों के रस को स्टोर नहीं करना चाहिए, इससे नुकसान हो सकता है।
अगर आप लंच बॉक्स में कटे हुए फलों को स्टोर करना चाहते हैं, तो इसके लिए सर्दियों का मौसम सही है। उस दौरान फलों पर थोड़ा चीनी या नींबू डालकर उन्हें कुछ समय के लिए लंच बॉक्स में स्टोर कर सकते हैं, लेकिन ज्यादा समय तक फलों को स्टोर करने से इसका भरपूर लाभ नहीं मिल पाता। इसके अलावा कटे हुए फलों के सेवन से तरोताजा और हाइड्रेट रहने का एहसास भी नहीं होता है।
इन तरीकों से करें फलों का सेवन
- फलों को हमेशा अच्छे से धोकर और काटकर खाएं ।
- फलों के बीज निकालकर खाना चाहिए, जैसे सेब के बीज हमेशा निकालकर खाने की कोशिश करें।
- फलों को रातभर पानी में साफ होने के लिए छोड़ दें। इससे उनमें लगे पेस्टिसाइड्स साफ हो जाते हैं।
- फलों को काटने के बाद तुरंत इसका सेवन करें।
कौन-से फल किस मौसम में खाएं
विशेषज्ञ के अनुसार ,आजकल लोग पूरे साल हर तरह फलों का मजा लेते हैं, लेकिन कुछ ऐसे फल हैं जो बेमौसम मिलने के कारण शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा खट्टे फल खली पेट नहीं खाने चाहिए।
सेब कभी भी खली पेट नहीं खाना चाहिए। अगर आपको हाई बीपी की बीमारी है तो सेब में नमक न डालें और उसे छिलके समेत खाएं।
- अनार 12 महीने खाए जाने वाला फल – अनार को हमेशा रूम टेंपरेचर में रखने की सलाह दी जाती है। इन्हें फ्रिज में स्टोर करके नहीं रखा जाता। अनार में विटामिन सी होता है। अनार के रोजाना सेवन से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
- अमरूद अक्टूबर से जनवरी – कब्ज की समस्या है तो अमरूद खाएं। इसके सेवन से फायदा मिलता है।
- संतरा नवंबर से मार्च – जिस संतरे के छिलकों में हल्का हरापन हो उसे खाएंगे, तो उसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को पूरी तरह दुरुस्त रखता है।
- आम मई से जुलाई – आम को कार्बाइड केमिकल से पकाया जाता है। बेहतर होगा कि इस तरफ पकाए गए आम खरीदने से खुद को रोका जाए। कच्चे आम को अखबार में लपेट कर रूम टेंपरेचर में दो-चार दिनों तक रखा जा सकता है।
