किसानों ने कहा – जिसे बात करनी है वह पंजाब आए, दिल्ली नहीं जाएंगे
फैसला – 19 को प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रस्ताव नहीं लाई तो 20 को नई रणनीति
केंद्र सरकार के न्यौते पर 14 अक्टूबर को दिल्ली में कृषि भवन में कृषि कानूनों को लेकर पंजाब से 30 किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदे गए थे। उस बैठक में कोई भी नतीजा नहीं निकला जिससे किसानों में रोष और भी बढ़ गया।
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का रेल रोको आंदोलन और धरने 19 अक्टूबर तक प्रदेश में जारी रहेंगे। यह फैसला वीरवार को चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में 30 जत्थेबंदियों की मीटिंग में लिया गया। किसान नेताओं ने कहा कि 19 तक सूबे में किसी भी ट्रेन को नहीं आने देंगे, न ही माॅल्स खुलने दिए जाएंगे।

पंजाब सरकार ने 19 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। उम्मीद है कि सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी। इसके बाद 20 अक्टूबर को फिर किसान जत्थेबंदियां बैठक कर अगली रणनीति बनाएंगी। भाकियू नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा, सरकार किसानों के हित में फैसला लेगी तो उसी के अनुसार जत्थेबंदियां अगला फैसला लेंगी।
अगर सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किए तो किसान राजभवन पर धरना लगाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी उनकी होगी। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि जत्थेबंदियां 17 अक्टूबर को प्रदेशभर में केंद्र और भाजपा नेताओं के पुतले जलाएंगी। 19 तक प्रदेश में सभी भाजपा नेताओं के घर के बाहर किसानों के पक्के धरने जारी रहेंगे। 25 अक्तूबर को जत्थेबंदियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले राज्यभर में फूकेंगी और जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार के खिलाफ ज्ञापन दिए जाएंगे।
किसानों ने ताल ठोक कर कहा – अब दिल्ली सिर्फ घेराव के लिए जाएंगे
जत्थेबंदियों ने कहा कि अब केंद्र से बातचीत के लिए किसान दिल्ली नहीं जाएंगे। क्योंकि पिछले दिन केंद्र ने धोखा किया है। उग्राहां बोले- अब प्रदर्शन के लिए तो दिल्ली जाएंगे, लेकिन बातचीत के लिए नहीं। अगर किसानों से बात करना चाहते हैं तो केंद्र के मंत्रियाें काे पंजाब आना होगा। यहीं उनसे बात की जाएगी।
किसान नेता राजेवाल ने कहा कि धरने-प्रदर्शनों में कोई सामाजिक संगठन शामिल होना चाहता है तो उसे मंजूरी दी जाएगी, लेकिन किसी भी राजनीतिक पार्टी को मंच साझा करने नहीं दिया जाएगा। अगर राजनीतिक दलों को कोई बात करनी है तो सीधे केंद्र सरकार से करें किसानों के मंच का सहारा न लें।
इसलिए नहीं करेंगे अब कांग्रेस नेताओं का घेराव
किसान नेता राजेवाल ने कहा कि मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखबिंदर सरकारिया और सुखजिंदर रंधावा के साथ हुई बैठक में उन्होंने बताया कि खेती कानूनों के खिलाफ सत्र बुला लिया है। किसान नेताओं ने इसे जीत बताते कहा कि अब कांग्रेसी नेताओं का घेराव 19 तक नहीं किया जाएगा।
चुनौती – आप हितैषी तो दिल्ली में कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश करे
किसान जत्थेबंदियाें ने कहा, आप पार्टी वैसे तो किसान हितैषी होने के दावे कर रही है। अगर वह किसानों के हित चाहती है तो दिल्ली में जहां उनकी सरकार है, वहां विशेष सत्र बुलाकर पंजाब की तरह कृषि कानूनों के खिलाफ विशेष प्रस्ताव करें और कानूनों को निरस्त करे।
जानिए कहां-कहां रहेंगे धरने
20 स्टेट हाईवे और 24 एनएच के टोल प्लाजा पर धरने जारी रहेंगे ।
38 इंटर स्टेट बाॅर्डर पॉइंट पर।
13 नगर निगमों, 167 शहरों।
राज्य के 16 ए-वन कैटागिरी, जिनमें जालंधर, लुधियाना, फिरोजपुर, बठिंडा, पटियाला, अमृतसर आदि शामिल हैं सहित 299 रेलवे स्टेशनों पर धरने लगाए जाएंगे।
