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एयर चीफ मार्शल : ‘छोटी और घातक’ फोर्स के भारतीय वायुसेना के विजन को पूरा करती है अग्निपथ योजना

Air chief marshal vr chaudhari agnipath scheme complements iaf long term vision

वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने रविवार को कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन से पेंशन और अन्य खर्चों में होने वाली कोई भी कमी महज आकस्मिक है और इसे सुधार लागू करने की वजह नहीं मानना चाहिए।

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को कहा कि अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के तहत लाई गई है। उन्होंने साफ किया कि नई भर्ती प्रणाली वायुसेना की संचालन क्षमता को किसी भी तरह से कम नहीं करेगी। वायुसेना प्रमुख बी आर चौधरी ने बताया कि चार साल की नियुक्ति अवधि में 13 टीमें ‘अग्निवीरों’ के नामांकन, रोजगार, मूल्यांकन और प्रशिक्षण का जिम्मा संभालेंगी। उन्होंने कहा कि योजना के कार्य में लाने से पेंशन और अन्य खर्चों में होने वाली कोई भी कमी महज आकस्मिक है और इसे सुधार लागू करने की वजह नहीं मानना चाहिए।

Agnipath Scheme

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, “अग्निपथ योजना भारतीय वायुसेना के श्रमशक्ति के बेहतर दोहन के अभियान को आगे बढ़ाती है। यह काम एक दशक से चल रहा है और जिसके तहत हमने कई मानव संसाधन नीतियों और संगठनात्मक संरचनाओं की समीक्षा की है। यह योजना सबसे अच्छे मानव संसाधन के साथ छोटे और घातक बल होने के भारतीय वायुसेना के दीर्घकालिक दृष्टिकोण की पूरक है, क्योंकि हम मजबूती से मानते हैं कि जरूरत के समय में किसी भी बल में शामिल पुरुष और महिलाएं उसकी ताकत को साबित करते हैं।”

वायुसेना के 3,000 पदों के लिए 7,50,000 आवेदन

नई भर्ती योजना के तहत भारतीय वायुसेना के लगभग 3,000 पदों के लिए तकरीबन 7,50,000 आवेदकों ने पंजीकरण कराया है। 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में केवल चार साल के लिए साढ़े 17 से 21 वर्ष तक के युवाओं की भर्ती करने का प्रावधान है, जिनमें से 25 फीसदी की सेवाएं 15 और वर्षों के लिए बरकरार रखी जाएंगी। साल 2022 के लिए भर्ती की ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष किया गया है।
पिछले महीने भारत के कई हिस्सों में अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए योजना को वापस लेने की मांग की कि नई भर्ती प्रणाली 75 फीसदी ‘अग्निवीरों’ को नौकरी की गारंटी नहीं देती है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, “लगातार बदलती और विकसित होती तकनीक के साथ एक वायु योद्धा से अपेक्षित बुनियादी कौशल में भी गुणात्मक बदलाव आया है। हमें लगता है कि आज के युवा न सिर्फ अलग और आवश्यक कौशल रखते हैं, बल्कि प्रौद्योगिकी के मामले में भी बेहद दक्ष हैं।”

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करगिल समीक्षा समिति की सिफारिशों पर उठाए कदम’

उन्होंने दावा किया कि संगठनात्मक आवश्यकताओं और युवाओं की आकांक्षाओं के बीच तालमेल भारतीय वायुसेना को बेहद प्रभावी बल बनने के लिए आदर्श परिस्थिति मुहैया करेगा। वायुसेना प्रमुख ने कहा, “एक पुनर्गठित प्रशिक्षण प्रणाली, जो हमारी परिचालन प्रतिबद्धताओं के लिए समकालीन, प्रौद्योगिकी-आधारित और विशेष रूप से निर्मित है, उसके साथ हम योजना के कार्यान्वयन को निर्बाध बनाने की परिकल्पना करते हैं। सशस्त्र बलों में मानव संसाधन में बदलाव की आवश्यकता पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया है और करगिल समीक्षा समिति की सिफारिशों पर धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।”

वायुसेना प्रमुख ने कहा, “चयन की प्रक्रिया जारी है। हमने चार साल की भर्ती अवधि में अग्निवीरों के निर्बाध नामांकन, भूमिका, रोजगार, मूल्यांकन और प्रशिक्षण के लिए 13 टीमों का गठन किया है। मानव संसाधन में बदलाव किसी भी रूप में हमारी संचालन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है। निसंदेह यह सशस्त्र बलों को प्रतिभाओं को आकर्षित करने और राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं के साथ जुड़ने का लाभ प्रदान करेगा।”

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