हर आम आदमी के लिए भारत-पाकिस्तान बाॅर्डर खतरनाक माना जाता है वहीं सीमा पर बने एक स्कूल की खासियत जान आप भी हैरत में पढ़ जाएंगे। दरअसल, भारत-पाकिस्तान बाॅर्डर पर बना एक ऐसा खास स्कूल है, जो बच्चों को ‘नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट’ (NEET) एग्जाम की तैयारी करवाता है और तो और इस स्कूल में NEET की तैयारी करने वाले अधिकतर बच्चे उतीर्ण भी होते है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पर बना ये स्कूल पैसों की मजबूरी के चलते मजदूरी और टैलेंटड बच्चों को पढ़ाई का सुनहरा मौका देता है। इस स्कूल का नाम Fifty Villagers Service Institute है जिसे डॉक्टर्स की ‘फैक्ट्री’ भी कहा जाता है।
राजस्थान बाड़मेर जिले में स्थित है यह स्कूल

ये स्कूल राजस्थान बाड़मेर जिले में स्थित है। इस स्कूल में साल मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET 2022 जुलाई में करवाए गए जिसमें से पढ़ने वाले 27 स्टूडेंट्स ने सफलतापूर्वक ये एग्जाम क्लियर किया। इस स्कूल की शुरूआत 10 साल पहले हुई थी और इतने कम वक्त में यहां से करीब 65 स्टूडेंट्स डॉक्टर बन चुके हैं।
इस स्कूल में ज्यादातर वहीं बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है जो गरीब तबके से आने वाले प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स होते है या फिर जिनकी पढ़ाई रुकने की कगार पर है, उन्हें भी एडमिशन मिलता है।
इस स्कूल की नींव डॉ भरत सरन और उनकी टीम द्वारा 2012 में रखी गई थी। इस संस्थान का मकसद उन स्टूडेंट्स के सपनों को पूरा करना था, जो संसाधनों की कमी के चलते डॉक्टर नहीं बन पा रहे थे। ये इंस्टीट्यूट गरीब तबके से आने वाले 50 स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट करता है, जिन्होंने 10वीं क्लास पास की है. इसके बाद इन्हें NEET की कोचिंग दी जाती है।
